मंगलवार 4 नवंबर 2024 शाम 6:38 बजे//लुधियाना प्रेस//ईमेल//बाबा सिद्ध मठारू जथेरे समिति//इयाली कला
आयोजन में देश विदेश की संगत भी शामिल हुई
लुधियाना: 4 नवंबर 2024: (गुरदेव सिंह//लुधियाना स्क्रीन डेस्क)::
हमारे समाज का इतिहास बड़े-बुजुर्गों, संतों और महात्माओं के चमत्कारों से भरा पड़ा है। उनसे मिला मार्गदर्शन पर साथ देता है। उनकी शिक्षाएं हमें ले जाती हैं। आज भी लोग उन्हें याद कर के उनसे आशीर्वाद पाते हैं। विभिन्न जनजातियों और वर्गों के मेले भी इसी शृंखला की एक कड़ी हैं। इस बार आपके सामने है इयाली कलां की खास रिपोर्ट जो बाबा सिद्ध मठारू जठेरे कमेटी की ओर से आयोजित कार्यक्रम से जुड़ी हुई है। इस बार भी बाबा सिद्ध मठारू जठेरे कमेटी ने संगत के सहयोग से मठारू गोत्र का वार्षिक मेला आयोजित किया।
लुधियाना की मुल्लांपुर रोड पर स्थित गांव इयाली कला में हर साल की तरह इस साल भी बाबा सिद्ध मठारू जठेरे कमेटी के नेतृत्व में मठारू गोत्र का वार्षिक मेला बड़ी श्रद्धा के साथ मनाया गया। मेले के दौरान देश-विदेश से मठारू गोत्र के श्रद्धालु विशेष रूप से शामिल हुए। उन्होंने बाबा सिद्ध जी की अस्थान पर माथा टेककर आशीर्वाद मांगा और परिवार की तरक्की और शांति के लिए प्रार्थना की।
जानकारी के अनुसार गांव इयाली कला में बाबा सिद्ध मठारू जठेरे कमेटी ने दिवाली के दिन मठारू गोत्र का वार्षिक मेला बड़ी श्रद्धा से मनाया। सुबह से ही श्रद्धालुओं ने मिट्टी निकालकर बाबा सिद्ध जी के अस्थान पर मत्था टेका। जोड़ मेले के बारे में जानकारी देते हुए अवतार सिंह मठारू और दुर्लभ सिंह मठारू ने बताया कि मठारू गोत्र से संबंधित परिवार हर साल इस स्थान पर माथा टेकते हैं। जिन परिवारों की सुख पूरी हो जाती हैं, वे दिवाली के दिन अपने परिवार सहित बाबा सिद्ध जी की अस्थान पर पहुंचकर बाबा सिद्ध जी से आशीर्वाद प्राप्त कर अपनी खुशियां पूरी करते हैं। प्राचीन मान्यताओं के अनुसार जिन परिवारों में किसी लड़के की शादी हो चुकी होती है या घर में पुत्र होते है, वे भी अपने परिवार के साथ पहुंचते हैं और सिद्ध बाबा का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
इस अवसर पर बहुत से प्रमुख लोग मौजूद रहे। हरनेक सिंह मठारू, अवतार सिंह मठारू, दुर्लभ सिंह मठारू, कुलदीप सिंह, गुरचरण सिंह, जगतार सिंह मठारू, हरिंदरपाल सिंह मठारू, निर्मल सिंह, कमलजीत सिंह, सरबजीत लुधियानवी, सरूप सिंह मठारू, कुलदीप सिंह पंच, निर्मल सिंह निम्मा, परमिंदर सिंह, अमरिन्दर सिंह, गुरदास सिंह के अलावा मथारू गोत्र समुदाय के लोग शामिल हुए।