Thursday, January 2, 2020

DRI के ADG चंद्रशेखर और दो बिचौलिये गिरफ्तार

एक निर्यातक से मांगी थी तीन करोड़ रुपये की रिश्वत 
लुधियाना: 1 जनवरी 2019: (लुधियाना स्क्रीन ब्यूरो):: 
रिश्वतखोरी जैसी बुराइयां अब सफेद कॉलर वाले सर्कल में ज़्यादा बढ़ गई हैं। बड़े पद-बड़े लोग और बड़े घोटाले। आम तौर पर हमेशां छोटे लोग ही पकड़े जाते हैं पर इस बार बहुत बड़ा नाम सामने आया है। सीबीआई ने बुधवार को घूसखोरी में राजस्व गुप्तचर निदेशालय (DRI) के ADG (अतिरिक्त महानिदेशक) चंद्रशेखर और दो बिचौलियों को गिरफ्तार कर लिया। जुर्म की दुनिया में इतना बड़ा नाम सामने आने से सनसनी सी छाई है। हर क्षेत्र में इसी गरिफ्तारी की चर्चा ही चल रही है। 
गौरतलब है कि चंद्रशेखर लुधियाना में तैनात हैं। सीबीआई का दावा है कि दिल्ली के एक निर्यातक से इन लोगों ने तीन करोड़ रुपये की रिश्वत मांगी थी। रिश्वत की पहली किस्त के रूप में 25 लाख रुपये लेते समय सीबीआई ने बिचौलियों को गिरफ्तार कर लिया। इसी तरह डीआरआई अधिकारी को जांच के दौरान गिरफ्तार किया गया।
अधिकारियों ने बताया कि पकड़े गए बिचौलियों में राजेश ढांडा और क्लीयरिंग हाउस का एजेंट अनूप जोशी शामिल हैं। लुधियाना का होजरी निर्यातक राजेश ढांडा डीआरआई अधिकारी का करीबी बताया जाता है। डीआरआई ने जून 2019 में दिल्ली की एक निर्यातक कंपनी पर छापेमारी की थी और उसके दस्तावेज जब्त कर लिए थे। जब्त दस्तावेज से करोड़ों रुपये के शुल्क की चोरी का पता चला था। कार्रवाई नहीं हो इसके लिए बिचौलियों ने एडीजी और एक्सपोर्टर के बीच डील करवाई थी। डील का परिणाम यह निकलेगा यह शायद किसी ने भी नहीं सोचा था। 
जांच पड़ताल में अनूप जोशी ने निर्यातक को बताया था कि लुधियाना का एक होजरी निर्यातक एडीजी का अच्छा दोस्त है और वह उसके लिंक में है। वह तीन करोड़ रुपये मांग रहे हैं। उसे धमकी दी गई कि उसने बात नहीं मानी तो कार्रवाई होगी ही। दिल्ली का निर्यातक सीबीआई के पास पहुंचा और सीबीआई ने दिल्ली के एक होटल में जाल बिछाया रिश्वत की पहली किस्त लेते समय बिचौलियों को दबोच लिया गया। इस मामले में सीबीआई का जाल पूरी तरह कामयाब रहा। 
उल्लेखनीय है कि ढांडा की कंपनी पर 2012 में पड़ा था छापा: 2012 में ढांडा की कंपनी सेंचुरी निटर्स इंडिया लिमिटेड के परिसर व उनके तमाम ठिकानों पर डीआरआई ने छापा मारा था। बताया जाता है कि ढांडा पर बोगस बिलिंग और ओवर इनवाइसिंग से करोड़ों रुपये की कर चोरी किए जाने का पता चला था। इसके बाद ढांडा की डीआरआई अफसरों से नजदीकियां बढ़ी और वह निर्यातकों और डीआरआई अधिकारियों के बीच लेन-देन तय करने लगा था। जो खुद पीड़ित था वही इस सब का अच्छा ख़ासा खिलाडी बन गया। 
सीबीआई ने चार घंटे तक शहर में की जांच
इस तरह सीबीआई की टीम एडीजी चंद्रशेखर और दलाल को लेकर बुधवार दोपहर बाद करीब सवा तीन बजे लुधियाना पहुंची। उनके साथ राजेश ढांडा भी था। सीबीआई ने घुमार मंडी स्थित डीआरआई एडीजी के कार्यालय में दस्तावेजों की छानबीन की और कई दस्तावेज कब्जे में ले लिए। इसके बाद वह एडीजी के ग्रैंड वॉक मॉल के सामने स्थित मारवल होम्स में भी छानबीन की। टीम ने ढांडा के कुछ ठिकानों पर भी जांच की। सिलसिला अभी जारी है। 
लुधियाना के एक्सपोर्टर से कागजात की जांच न करने लिए मांगे थे तीन करोड़
सीबीआई टीम की तरफ से एडीजी चंद्रशेखर के साथ दिल्ली के अनूप जोशी व लुधियाना के होजरी निर्यातक राजेश ढांडा को भी गिरफ्तार किया गया है। याद रहे कि डीआरआई ने जून 2019 में दिल्ली की एक एक्सपोर्ट कंपनी पर रेड की थी और उसके कागजात हासिल कर लिए थे। कार्रवाई नहीं हो इसके लिए दलालों ने डीआरआई के एडीजी और एक्सपोर्टर के बीच तीन करोड़ रुपये रिश्वत की डील करवाई थी। बुधवार को सीबीआई की टीम डीआरआई के एडीजी और दलाल को लेकर लुधियाना पहुंची। परत दर परत खुलती जा रही है। 
बताया जाता है कि डीआरआई ने जून 2019 में जो दस्तावेज जब्त किए थे, उनमें करोड़ों रुपये की ड्यूटी चोरी सामने आई थी। दिल्ली के एजेंट अनूप जोशी ने निर्यातक से एडीजी की डील करवाने की बात की थी। उसने निर्यातक को बताया कि लुधियाना का एक होजरी निर्यातक एडीजी का अच्छा दोस्त है और वह उसके ङ्क्षलक में है। वह उससे तीन करोड़ रुपये मांग रहे थे। उसे धमकी दी जा रही थी कि अगर उसने बात नहीं मानी तो कार्रवाई होनी तय है। इस पर दिल्ली का निर्यातक सीबीआई के पास पहुंचा और सीबीआई ने दिल्ली के एक होटल में ट्रैप बिछाया जिससे मामले का पर्दाफाश हुआ। सीबीआई  के अनुसार तीन करोड़ में से पहली किश्त के तौर पर 25 लाख रुपये लिए जा रहे थे।
सीबीआई ने चार घंटे शहर में की जांच
सीबीआई की एक टीम दोपहर बाद करीब सवा तीन बजे लुधियाना पहुंची। बताया जा रहा है कि उनके साथ गिरफ्तार एडीजी चंद्रशेखर एवं लुधियाना के होजरी निर्यातक राजेश ढांडा भी थे। सीबीआई ने घुमार मंडी स्थित डीआरआई एडीजी कार्यालय में दस्तावेजों की छानबीन की और कई दस्तावेज अपने कब्जे में लिए हैं। इसके बाद वह एडीजी के ग्रैंड वॉक मॉल के सामने स्थित मारवल होम्स में भी छानबीन की। बताया जा रहा है कि सीबीआई ने एडीसी का लैपटॉप और मोबाइल फोन भी जब्त कर लिया है। टीम ने राजेश ढांडा के कुछ ठिकानों पर भी जांच की। सूत्रों के अनुसार टीम दोनों को वापस दिल्ली ले गई है।
ढांडा की कंपनी पर पर पड़ा था DRI का छापा
वर्ष 2012 में राजेश ढांडा की कंपनी सेंचुरी निटर्स इंडिया लिमिटेड के परिसर व उनके तमाम ठिकानों पर डीआरआई ने छापा मारा था। बताया जाता है कि राजेश ढांडा पर बोगस बिल्डिंग और ओवर इनवाइसिंग से करोड़ों रुपये की कर चोरी का मामला सामने आया था। इसके बाद ही ढांडा की डीआरआई अफसरों से नजदीकियां बढ़ गई थीं और वह निर्यातकों और डीआरआई अधिकारियों के बीच लेन-देन की डीलिंग करने लगा था। डीलिंग करते करते ही वह इतना बड़ा खिलाडी बन गया। 

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