Friday, December 27, 2019

अमीरी का शार्टकट रास्ता बना जुर्म: हथियारों के बल पर लूटपाट

पुलिस ने धर दबोचा तीन सदस्यों का गैंग 
लुधियाना: 26 दिसम्बर 2019: (लुधियाना स्क्रीन ब्यूरो)::
ग्लैमर की दुनिया देखकर मन चाहता है उसी तरह जीना लेकिन उसके लिये चाहिये बहुत सा पैसा और पैसा कमाना आसान कब था? उसे लिए करनी पडती है बहुत सी मेहनत। यह मेहनत भी कई बार पुश्तों तक चलती है। बहुत से अमीर घराने इसकी मिसाल हैं। लेकिन फ़िल्में देख कर अमीर बनने के चाहवान मेहनत को तो देखते ही नहीं और देखते हैं सिर्फ अमीरों का ग्लैमर। इसी ग्लैमर  ज़िंदगी को जीने की चाह उन्हें अक्सर ले जाती है जुर्म के रास्ते पर।  कुछ इसी तरह की कहानी निकलती है उन गिरोहों से जो जुर्म करते अक्सर पकड़े जाते हैं। ताज़ा मामला सामने आया है जमालपुर लुधियाना का। 
ताज़ा मामले में हथियारों के बल पर लूटपाट करने वाले गैंग के तीन सदस्यों को थाना जमालपुर पुलिस ने वारदात के कुछ समय बाद ही गिरफ्तार कर लिया। इन आरोपितों के कब्जे से एक मोटरसाइकिल, मोबाइल व दात बरामद हुआ है। आरोपितों के खिलाफ केस दर्ज करके उन्हें गुरुवार को अदालत में पेश किया गया। जहां से रिमांड हासिल कर पूछताछ की जा रही है। पूछताछ में क्या क्या सामने आता है इसका पता  भी जल्द लग जायेगा। 
इस मामले में मीडिया को एएसआइ परमजीत सिंह ने बताया कि आरोपितों की पहचान गांव झाबेवाल निवासी परमवीर सिंह, रणवीर सिंह व पवन कुमार के रूप में हुई है। रणवीर मूल रूप से बिहार के लखी सराए तथा पवन झारखंड के रांची का रहने वाला है। बुधवार शाम को गुप्त सूचना के आधार पर गांव जंडियाली के पास की गई नाकाबंदी के दौरान तीनों काे गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने गांव जंडियाली निवासी सुनील कुमार की शिकायत पर उनके खिलाफ केस दर्ज किया। इसके साथ ही पुलिस का एक्शन भी शुरू हो गया। 
पुलिस को अपने बयान में सुनील कुमार ने बताया कि वो बुड्ढेवाल स्थित प्राइम स्टील में काम करता है। बुधवार रात साढ़े नौ बजे वह काम से छुट्टी के बाद घर लौट रहा था। बुड्ढेवाल रोड सरदार ढाबे से कुछ पहले ही सिल्वर कलर के मोटरसाइकिल नंबर पीबी 10 एफक्यू 7443 पर आए तीन बदमाशों ने उसे घेर लिया। उसे दातर दिखाकर आरोपितों ने उसका सैमसंग कंपनी का मोबाइल लूटा और फरार हो गए। तीनों आपस में एक-दूसरे का नाम लेकर बुला रहे थे। मौके पर पहुंची पुलिस ने उसी समय नाकाबंदी करवाई और कुछ ही समय बाद मोटरसाइकिल नंबर के आधार पर तीनों को गिरफ्तार कर लिया। परमवीर ने कहा कि तीनों आरोपित फोकल प्वाइंट इलाके में कई वारदातें कर चुके हैं। दिलचस्प दुखद बात है कि पुलिस की मुस्तैदी के बावजूद जुर्म बढ़ता ही जा रहा है। 

Saturday, December 21, 2019

दहशत और हड़बड़ी में आ कर ठगा गया दवा विक्रेता

Posted on Friday 20th December 2019 at 17:45
तीन महीने से गैरहाज़र चल रहे हैडकांस्टेबल ने ऐंठ लिए छह हज़ार रूपये 
लुधियाना: 20 दिसंबर 2019: (लुधियाना स्क्रीन ब्यूरो):: 
जुर्म की दुनिया में यह  कहानी भी बहुत हद तक फ़िल्मी सी लगती है लेकिन साथ ही इशारा करती है पुलिस के नाम पर छाई उस दहशत की तरफ जो लोगों के दिलों में घर कर चुकी है।  बात बस इतनी थी कि एक दवा विक्रेता इस बात से बुरी तरह से घबरा गया कि यह पुलिस वाला है न जाने क्या क्या कर देगा। इसी हड़बड़ी में वह छह लाख रूपये गंवा बैठा। मामला दर्ज करने की धमकी देकर एक हेड कांस्टेबल ने राजगुरु नगर के एक मेडिकल स्टोर मालिक से 6 लाख रुपए हड़प लिए। 
नियमों के मुताबिक तो हर दवा विक्रेता को हर दवा डाक्टर की पर्ची देख कर ही देनी चाहिए और खरीदने वाले की जानकारी भी दर्ज करनी होती है लेकिन अपने समाज में कहां होता है यह सब? बस इसी लापरवाही या छूट का फायदा उठाकर आरोपी उसकी तरफ से दी गई दर्द की दवा से व्यक्ति की मौत होने की बात कह रहा था। कुछ दिन बाद इसी पुलिस वाले ने जब स्टोर मालिक से और पैसे मांगे तो दवा विक्रेता तंग आ गया।  छह लाख रूपये गंवा चुकने के बाद अब उसकी और हिम्मत भी नहीं बची थी। इधर कूंआ उधर खाई। दिल डर भी रहा था।  उसे लगता था कि खतरा दोनों तरफ है। आखिर दवा विक्रेता ने दिमाग का कहा माना। उसने पुलिस विभाग के उच्च अफसरों को  इस सारे मामले की शिकायत दी। पुलिस ने भी इसका गंभीर नोटिस लिया। इस पर जांच के बाद आरोपी पर कार्रवाई हुई। सराभा नगर थाने की पुलिस ने राजगुरु नगर के सवरन सिंह की शिकायत पर संगरूर के बलवीर सिंह और जगतजीत सिंह के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया। इसके साथ ही पुलिस ने कार्रवाई के नाम पर भी ठोस कदम उठाए। 
पुलिस ने अपनी जांच और कार्रवाई में आरोपी बलवीर सिंह को गिरफ्तार कर लिया। बलवीर सिंह शिवम कलोनी संगरूर का रहने वाला है। उसे अदालत में पेश कर एक दिन के रिमांड पर लिया गया है। दूसरे आरोपी जगतजीत सिंह की भी तलाश की जा रही है। एसएचओ मधु बाला ने मीडिया को बताया कि आरोपी बलवीर सिंह पंजाब पुलिस का मुलाज़िम है और बतौर हेड कांस्टेबल तैनात है। मौजूदा समय में उसकी ड्यूटी पुलिस लाइन में थी। पुलिस के इस एक्शन ने एक बार फिर पुलिस की साख को आम जनता के दिलों में बहाल किया है। 
दिलचस्प बात है कि अफसरों को कंप्लेंट के बाद ही यह सब संभव हो पाया। इस केस में पर्चा भी दर्ज हुआ और  गिरफ्तारी भी हुई।
प्राप्त विवरण के मुताबिक पुलिस को दिए बयानों में शिकायतकर्ता ने बताया कि राजगुरु नगर में उसकी दुकान बेदी मेडिकल हॉल के नाम से है। आरोपी हेड कांस्टेबल बलवीर सिंह उसका जानकार है। बलवीर ने उसे 5-6 महीने पहले फोन कर धमकियां देनी शुरू कर दी। उसने शिकायतकर्ता को कहा कि उसकी दुकान से दर्द की दवा लेकर गया एक व्यक्ति मर गया है। उसकी मौत का कारण दर्द की दवा है, इसलिए वह उस पर एफआईआर दर्ज करवाएगा। यह सुनकर वह डर गया और उसके जाल में फंस गया। इसके चलते हेड कांस्टेबल बलवीर ने पहले उससे तीन लाख रुपए ले लिए। इसके बाद फिर धमकियां देकर तीन लाख रुपए और हड़प लिए। मगर फिर कुछ दिन बाद बलवीर ने फिर उसे फोन कर एक लाख रुपए और मांगे। इतने रूपये दे चुकने के बाद दवा विक्रेता की बस हो चुकी थी।  इस पर शिकायतकर्ता ने पुलिस को सूचित किया। 
मानवीय संबंधों में आ रही नैतिक गिरावट के पता भी इसी मामले से चलता है। दवा विक्रेता और उसे ठगने वाला दोनों आपस में जानकार भी हैं। जानकार होने का फायदा उठा के ही उसे ठगा गया। पुलिस पूछताछ में आरोपी हेड कांस्टेबल बलवीर ने बताया कि शिकायतकर्ता उसका जानकार है। वह कई बार उसके पास आता था। इसी के चलते उसे पता था कि उससे किस तरीके से डरा धमकाकर पैसे लेने हैं। अपने इस नापाक इरादे को कामयाब बनाने के लिए उसने मोबाईल नंबर बदल बदल कर दवा विक्रेता को फोन किये और सारा जाल बुना। इसके चलते उसने वही तरीका अपनाकर फोन करना शुरू कर दिया। जबकि अभी तक उसके साथी जगतजीत सिंह का पता नहीं चल पाया है। पुलिस उसकी भी तलाश कर रही है। 
दवा विक्रेता को ठगने वाला आरोपी हेड कांस्टेबल 2 माह से ड्यूटी से गैर-हाजिर भी चल रहा था। 
एसएचओ मधुबाला के मुताबिक आरोपी बलवीर सिंह पहले नारकोटिक्स सेल में तैनात था, लेकिन फिर उसका एक्सिडेंट हो गया। चोट लगने के कारण ज्यादा काम न हो पाने की वजह से उसकी बदली पुलिस लाईन में कर दी गई। पिछले तीन महीने से वह लाईन में ही था, लेकिन पुलिस जांच में पता चला है कि आरोपी पिछले दो महीने से गैर-हाजिर चल रहा है। वह ड्यूटी पर नहीं आ रहा था। आरोपी के खिलाफ विभाग की ओर से भी जांच की जा रही है। सूत्रों के अनुसार आरोपी की ओर से इसके अलावा भी कई लोगों से डरा धमकाकर पैसे हड़पेहैं। पुलिस जांच और न्याय प्रणाली  इस मामले क्या कदम उठाते हैं लेकिन एक बात साफ़ है कि समाज में ऐसा आतंक होने से ही बहुत से मामले पुलिस के जानकारी में भी नहीं पहुंचते। लोग डर और दुविधा के कारण अपने साथ हो रहा जुर्म बताने में देर कर जाते हैं। लोग यदि हिम्मत करें तो पुलिस एक्शन भी लेती है। 

लुधियाना पुलिस>पेंडिंग मामले निपटाने के लिए विशेष कैंप

Sunday 10th March 2024 at 19:57 PM 3782 आवेदनों का मौके पर ही निस्तारण किया गया लुधियाना : 10 मार्च 2024 : ( मीडिया  लिंक // लुधियाना स्क्री...